आज भी श्री जगन्नाथ पुरी में भगवान प्रत्यक्ष है ।
श्रीभागवत कथा से स्थान और ग्राम का उद्धार होता है
आचार्य पडित शैलेंद्र शर्मा
खकरापुरा में दुबे परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा की आज पूर्णाहुति और भंडारा ।
सोहागपुर । श्रीमद् भागवत कथा के वन मनन और चिंतन से उसे स्थान ग्राम का अवतार होता है जहां यह कथा चल रही होती है यह मत गत दिवस खकरापुरा में विगत 7 दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करते हुए आचार्य पंडित शैलेंद्र शर्मा ने कथा को विश्राम देने से पूर्व व्यक्त किया ।
आज बुधवार को पूर्णाहुति हवन और भंडारे का आयोजन 2 बजे से है कथा का आयोजन दुबे परिवार द्वारा किया गया था ।
कल कथावाचक पंडित शैलेंद्र शर्मा ने सुदामा चरित्र सहित राजा परीक्षित की मुक्ति, भगवान का स्वधाम गमनआदि की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया ।
इससे पूर्व पहले दिन उन्होंने धुंधकारी की कथा के अलावा राजा परीक्षित, भक्ति ज्ञान वैराग्य, भागवत की महिमा, ध्रुव चरित्र ,कृष्ण जन्म बाल लीलाओं, सहित रुक्मणी विवाह आदि का श्रवण श्रद्धालुओं को कराया
भक्ति ज्ञान और वैराग्य के इस महासागर में खाकरापूरा सहित आसपास के कई ग्रामों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकियां लगाई और कथा का आनंद लिया
पंडित कैलाश शर्मा ने बताया कि भगवान का अंतिम संस्कार अर्जुन ने किया सारा शरीर जल गया पर हृदय नहीं जला जगन्नाथ जी में आज भी हर 12 साल में भगवान का हृदय बदल जाता है उन्होंने कहा इस कली काल में भगवान जगन्नाथ प्रत्यक्ष है ।