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1 जुलाई से मढई में कोर बंद पर बफर में होंगे वन प्राणियों के दीदार ।

बाघ -बाघिन

1 जुलाई से मढई में कोर बंद, पर बफर में होंगे बाघों के दीदार
घास के मैदानों और शाकाहारियों की बढ़ोतरी से हुआ  बाघो मे इजाफा ।

सोहागपुर । वन्य प्राणियों की विश्वविख्यात  रिहाईश
मढई में  कोरक्षेत्र के दरवाजे 1 जुलाई से बंद हो जाएंगे फिर यह अक्टूबर में ही खुलेंगे किंतु बफर में सफर और वन्य प्राणियों के दीदार समूचे वर्ष होते रहेंगे ।


इन दिनों भी मढ़ई के बफर जोन में बाघों के दीदार आम हो चुके हैं
इसकी वजह एस टी आर के संचालक एल कृष्णमूर्ति के निर्देशन में शाकाहारी वन्य प्राणियों और जल संरचनाओं के अतिरिक्त घास के नए बने मैदानों
मैं हुए इजाफे को बताया जाता है ।

एक चौक्कन्नी और आकर्षक मुद्रा


बड़ी संख्या में यहां पर लाए गए बारहसिंघ्घे और चीतल के साथ साथ हिरण सांभरों मैं हुई वंश वृद्धि बाघों के आकर्षण का सबब बनी हुई है चीतल, हिरण ,सांभर ,शेर के प्रिय व्यंजन है ।
बफर जोन जोन के रेंजर विजय बारस्कर के मुताबिक बिनेका, परसापानी, और जमानीदेव, सेहरा, रेनीपानी बफर में पर्यटन क्षेत्र की वृद्धि के कारण पर्यटकों का रुझान इस और बढा है ।
उन्होंने बताया कि सतपुरा टाइगर रिजर्व के संचालक एल कृष्णा मूर्ति के निर्देशन व मार्गदर्शन में टाइगर रिजर्व नित नए आयाम स्थापित कर रहा है ।

बाघ परिवार ने किया हिरण का शिकार


देशी सुस्वादु भोजन के अलावा होमस्टे और कैंपिंग भी भी पर्यटकों के आकर्षण का सबब बन चुकें है । श्री कृष्ण मूर्ति के कुशल मार्गदर्शन में और प्रयासों से
देसी के अलावा विदेशी सैलानियों की आमद भी बढीं  है

विदेशी सैलानी


सतपुडा टाइगर रिजर्व भविष्य में सैलानियों के आगमन और आकर्षण के अन्य उपाय भी अपनाने जा रहा है ।

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