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आज कार्तिक पूर्णिमा को बालक भगवान जी का जन्मदिन आज भी याद करने पर अपनी उपस्थिति की अनुभूति और एहसास कराते हैं

चमत्कारिक संत बालक भगवान का जन्मदिन आज कार्तिक पूर्णिमा पर मनाया जाएगा
मात्र याद करने पर भक्तों के सम्मुख होते थे बालक भगवान

स्मरण करते ही भक्तों के संपर्क में आ जाने वाले महात्मा
छत्तीसगढ़ के संत बालक भगवान का आज कार्तिक पूर्णिमा पर कुब्जा संगम पर जन्मदिन मनाया जाएगा
इसके साथ ही बालक भगवान छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी पूजे जाएंगे छत्तीसगढ़ में दुर्ग में उनके समाधि स्थल पर पूजा अर्चना और पाठ होगा तो नागपुर में भंडारा रोड पर उनकी स्मृति में विशाल मंदिर बनवाने वाले भक्तों द्वारा उनका स्मरण किया जाएगा पूजा-पाठ और अर्चन होगा उल्लेखनीय है कि बालक भगवान अपने भक्तों की याद करते ही उनके सम्मुख उपस्थित हो जाते थे और आज भी वह ब्रह्मलीन होने के पश्चात भी अपनी अनुभूति का एहसास करा ही देते हैं ।
श्री बालक भगवान का जन्म रायपुर की पुरानी बस्ती में  26 नवंबर 1929 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए भी पूर्णेद्र  भी कहलाए

उनके गुरु शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती  उन्हें दीक्षा दी और परिवार परिव्रजाचार्य नाम भी दिया किंतु बालपन से ही बाल सुलभ प्रवृत्ति और लीला के चलते वे अपने भक्तों में बालक भगवान ही कहलाए और आज तक कहलाते हैं उनकी प्रीति सदैव बच्चों में रही और वैसे ही निश्चल प्रवृत्ति  वृद्धावस्था तक बनी रही ।
पीठाधीश्वर रहते हुए भी उन्होंने कही कोई आश्रम नहीं बनाया और ना कहीं कोई स्थाई ठिकाना
वे हमेशा चलते रहे चलते रहे चलते रहे
और 14 अगस्त 2009 में जन्माष्टमी के दिन उन्होंने इस नश्वर संसार को अलविदा कहा वे अपने एक भक्त के महज याद करने पर याद करने पर 2004 में पहली बार सोहागपुर भी आए
और 2009 तक उनका आगमन होता रहा ।
आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन उनको मानने जानने और चाहने वाले बच्चों के साथ उनका जन्मदिन मनाएंगे

सोहागपुर में भी वे आते जाते 5 वर्षों में कई लोगों के संपर्क में आए और अपनी सुखद और आश्चर्यचकित कर देने वाली अनुभूतियां उनके साथ छोड़ गए हैं

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