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आज के दिन दो फूल खिले थे जिनसे महका हिंदुस्तान दो बार गांधी जी सोहागपुर आए प्रथम सांसद सैयद अहमद “मूसा” से गुफ्तगू होती थी शास्त्री जी की भी

दो वार गांधीजी सोहागपुर आऐ शास्त्री जी सहित नेहरू इंदिरा से भी मंत्रणा हुआ करती थी यहां के प्रथम सांसद सैयद अहमद मूसा की
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1933 मे जेल से छूटने के बाद महात्मा गांधी ने अछूतोद्धार के लिए पूरे देश का दौरा किया हुआ है वे होशंगाबाद जिले मेँ भी आएऔर उन्होने इटारसी सोहागपुर बाबई तथा हरदा का दौरा किया जिससे यहाँ जन जागरण को एक दिशा मिली यह घटना 30 दिसंबर 1933 की है |
गांधी जी दुबारा सात जनवरी 1934 को जबलपुर से सुहागपुर रेल द्वारा आए यहाँ आम सभा मे अस्पर्षता पर भाषण दिया फिर वे बाबई के लिए रवाना हो गए यहाँ उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ स्वागत अध्यक्ष बाबूलाल डेरिया ने गांधी जी को अभिनंदन पत्र और थैली भेंट की |
गांधीजी ने अपने भाषण मेकहा भाई “मक्खन लाल “की जन्म भूमि हाँ और आप लोगोँ के स्थान को देखने के लिए मेरा मन बाबई मे लगा हुआ था | मैँ यहाँ पैसा लेने नहीँ आया
मैँ तो आप भाइयोँ के प्रेम की खातिर आया हूँ पैसा तो कोड़ी कोड़ी कर के सारे देश से जमा कर लूंगा
बाबई से लौटकर गांधी जी ने रात्रि विश्राम सुहागपुर मे किया और दूसरे दिन हरदा पहुंचे

स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से होशंगाबाद नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र के प्रथम सांसद सैयद अहमद “मूसा” से गुप्त मंत्रणा हुआ करती थी वह नेहरू जी और इंदिरा जी के भी काफी करीब थे इंदिरा जी वाले चाचा बोला करती थी गर्व की बात है कि सांसद महोदय सोहागपुर के पामली गांव के निवासी थे और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई बहुत लंबा समय जेल में गुजारा पिता अंग्रेज सरकार में मुलाजिम चाहिए जबलपुर के शहर कोतवाल और उनके यहां यह क्रांतिकारी सुपुत्र पैदा हुआ जिससे सुहागपुर समूचा होशंगाबाद जिला तथा मध्य प्रदेश भी गौरवान्वित है
सोहागपुर का वह स्थान जहां गुजारी थी महात्मा गांधी ने एक रात
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