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7 वर्षीय हाथी विक्रम की मौत के बाद, एस.टी.आर  के अफसर                             चिकित्सकों सहित मढई पहुंचे   पी.एम के बाद किया दाह संस्कार

मां प्रिया के साथ विक्रम

सोहागपुर।  सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई रेंज में सबसे छोटे और लाड़ले हाथी विक्रम की अचानक हुई मौत  से पार्क प्रबंधन भी हैरान है क्योंकि पर्यटकों से मिलीजानकारी के मुताबिक सोमवार की शाम तक विक्रम सामान्य था और अपने ऊपर धूल फेंक कर  खेल रहा था
फिलहाल इसकी अकस्मात हुई मौत के कयास और अनुमान ही लगाऐ जा रहे हैं
7 साल के इस  हाथी की मौत की  से प्रबंधन और पर्यटक मायूस भी है, विक्रम सिद्धनाथ और प्रिया की दूसरी संतान था ।
अभी मौत के कारणों का एसटीआर के अधिकारियों ने खुलासा नहीं किया है।
सूचना मिलते ही सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति और और उपसंचालक डीएफओ पूजा नागले, तथा सहायक संचालक मढई एसडीओ अंकित जामोद  मौके पर पहुंचे है। इनके साथ पशु चिकित्सक डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा के अलावाजबलपुर और भोपाल से आए पशु चिकित्सक भी हैं

सिद्धनाथ और प्रिया की संतान विक्रम
         लाडला था पर्यटकों का

देश की सुरम्य  वनस्थली मढई में  देश-विदेश से वन्य जीवन  को देखने आने वाले पर्यटकों को बेहद पास से हाथियों को  देखना लुभाता है
मढ़ई के खरेर हाथी कैंप में  हाथियों को बेहद नजदीक से देखा जा सकता है
बहरहाल पर्यटकों को अब  विक्रम  देखने को  नहीं मिलेगा।
कुछ समय पहले तक पर्यटकों को हाथियों की सवारी करवा कर जंगल सफारी करवाई जाती थी, लेकिन अभी फिलहाल ये  बन्द कर दी गई है।
हाथी कैम्प में सिद्धनाथ, प्रिया, लक्ष्मी, विक्रम  थे
लक्ष्मी और सिद्धनाथ चीतों की निगरानी के लिए कूनो गए हुए हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 10 हाथी है। नन्हा विक्रम हाथियों के दल में सबसे छोटा था सबसे बुजुर्ग हथिनी अजुंगम है।
प्रिया और सिद्धनाथ के दो बच्चे है। बेटा विक्रम 7  साल और और बेटी लक्ष्मी 8 साल की है।
4 हाथी कर्नाटक से पिछले साल ही आए हैं। अंजूगम की उम्र 70 से ज्यादा होने पर एसटीआर से उसे  रिटायर्ड कर दिया गया है 

अपने महावत त के साथ विक्रम

, एसटीआर के अधिकारियों ने फिलहाल विक्रम की मौत की वज़ह का खुलासा नहीं किया है,                                लेकिन विक्रम का पोस्टमार्टम कर उसका
अंतिम संस्कार वाइल्ड लाइफ के नियम अनुसार अग्नि दाह  के माध्यम से किया गया है

क्या कहते हैं अधिकारी ?

फ़ील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने.                                  विक्रम की मौत की पुष्टि करते हुए कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और जांच के बाद ही मौत के कारणो का खुलासा किया जाएगा ।

उप संचालक
उप संचालक पूजा नागले के मुताबिक


दिनाक 27.मई 24 की रात्रि को सतपुडा टाईगर रिजर्व नर्मदापुरम अन्तर्गत वन परिक्षेत्र कामती की बीट मढई में स्थित में खरेर हाथी कैम्प के 3 हाथी में से एक नर हाथी विक्रमादित्य की अचानक स्वास्थ्य खराब होने से मृत्यु हो गई नर हाथी की उम्र 7 वर्ष थी।

मृत्यु की सूचना प्राप्त होते ही  क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति, क्षेत्र संचालक एवं पूजा नागले, उपसंचालक, सतपुडा टाईगर रिजर्व के द्वारा मौका स्थल निरीक्षण किया गया। इसके बाद उनकी उपस्थिति में सतपुडा टाईगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक दल, स्कूल ऑफ वाइल्ड लाईफ फॉरेंसिक एण्ड हेल्थ जबलपुर एवं वाइल्ड लाईफ कन्जर्वेशन ट्रस्ट के संयुक्त चिकित्सक दल द्वारा पोस्ट मॉर्टम किया गया।


पीएम के दौरान किसी भी प्रकार के बाहरी धाव, चोट, खरौच आदि के निशान नहीं पाये गये। मामले की सघन जांच हेतु फॉरेंसिक टीम ने हिस्टोपैथोलॉजिकल एवं टॉक्सीकोलॉजीकल परीक्षण हेतु आवश्यक सेम्पल एकत्रित किये जिन्हे विधि सम्मत प्रयोग शाला में परीक्षण हेतु भेजा जावेगा।

मृत्यु का रपष्ट कारण जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पायेगा। इसके अतिरिक्त किसी संक्रमित बीमारी या किसी अन्य संदिग्धता की अशांका को देखते हुये कैम्प के अन्य हाथियों के भी बायोलोजीकल सैम्पल लिये गये।

पोस्टमार्टम के उपरान्त मृत हाथी का ‘वन्य पशु वस्तु का वन्यजीव निपटान नियम 2003 के तहत एल. कृष्णमूर्ति, क्षेत्र संचालक एवं सक्षम समिति के अन्य सदस्य की उपस्थिति में ससम्मान दाह संस्कार किया व समस्त अवयवों को नष्ट किया।

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