नहीं रहे आध्यात्मिक गुरु पंडित मनमोहन मुद्गल सूना हुआ शंभू दरबार समूचे नगर और जिले में शोक की लहर सूना हुआ शंभू दरबार आज जमनी पर अंतिम संस्कार
सोहागपुर। नगर जिले और प्रदेश की जानी-मानी आध्यात्मिक शख्सियत पंडित मनमोहन मुद्गल का गत दिवस रविवार को भोपाल के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया ।
देर शाम उनका पार्थिव शरीर गृह नगर सोहागपुर पहुंचा
आज सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा
लगभग 75 वर्षीय श्री मुद्गल आध्यात्मिक गतिविधियों को लेकर क्षेत्र में एक बड़ा नाम बन चुके थे हर चौदस और पूर्णिमा को उनके शंभू दरबार में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता था ।
उनके स्वर्गीय पिता पंडित भगवत प्रसाद मुद्गल का शुमार भी क्षेत्र की जानी-मानी आध्यात्मिक शक्तियों में होता था
उनके प्रयासों और सक्रियता के चलते समूचे सोहागपुर क्षेत्र के गांव गांव रामायण मंडलों का गठन हुआ था जिनके माध्यम से विभिन्न आयोजन हुआ करते थे पंडित मनमोहन मुद्गल ने भी आध्यात्मिक एवं सनातन संस्कृति मंडल की स्थापना करके समूचे नर्मदा अंचल में यज्ञ हवन आदि आध्यात्मिक गतिविधियों को विस्तार दिया था
श्री मुदगल के मार्गदर्शन और सानिध्य में पिछले 20-25 सालों में समूचे क्षेत्र में धार्मिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियां संचालित होती थी उन्होंने कई महाशक्ति महायज्ञ करवाएं प्रतिवर्ष उनके पिता श्री की स्मृति में श्री राम कथा और भागवत कथा के आयोजन होते थे जिनमें पहुंचे हुए विद्वानों का यहां आगमन होता था और उनके अमृत वचनों को सुनने का सौभाग्य सोहागपुर के आम नागरिकों को मिलता था श्री मुदगल के देवलोक गमन के कारण सोहागपुर को अपूर्णीय क्षति हुई है । समूचा सोहागपुर की आकस्मिक अवसान से स्तब्ध और शोक ग्रस्त है । अपनी धार्मिक क्रियाकलापों के चलते वे सोहागपुर की पहचान और सम्मान का भी प्रतीक बन चुके थे ।
आज अर्थात सोमवार को उनका अंतिम संस्कार जमनी विश्राम घाट पर किया जाएगा जिसमें बड़ी संख्या में उनके भक्तों का शुमार होगा उनकी अंतिम यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से निकलकर विश्राम घाट पहुंचेगी इस सिलसिले में आसपास के जिलों से उनके अनुयायियों का सोहागपुर आगमन हो चुका है ।