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61 में जुताई में निकली थी दुर्लभ शिव पार्वती पाषाण प्रतिमा 62 में शुरू हुआ मंदिर निर्माण 64 में प्राण-प्रतिष्ठा

सोहागपुर के  शिव पार्वती मंदिर मेंले की शुरुआत सन  64  से हुई  चर्चा के दौरान यह जानकारी देते हुए नगर की प्रतिष्ठित व्यापारी समाजसेवी  कन्नू लाल अग्रवाल ने बताया कि 10 अगस्त सन 1961  में  स्वर्गीय प्रेम शंकर तिवारी के खेत में जुताई के दौरान निकली शिव पार्वती प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद  यह सिलसिला शुरू हुआ

श्री अग्रवाल ने बताया कि 1961 में गोपीचंद दुबे रेलवे ठेकेदार ने स्वर्गीय  सेठ रामगोपाल खंडेलवाल की प्रेरणा से शिव मंदिर का निर्माण कराया

1964 में मंदिर में शिव पार्वती की मूर्ति स्थापित हुई शोभायात्रा  श्री खंडेलवाल के निवास से निकली  
प्राण प्रतिष्ठा स्थापना समारोह तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष पंडित कुंजीलाल दुबे के मुख्यातिथ्य में  संपन्न हुआ

स्थापना के समय का एक दुर्लभ चित्र

इसी अवसर पर तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष रामचंद्र जी जायसवाल के सानिध्य में  मेला लगा जिसमें नगर वासियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया  

सन 64 में स्थापना के समय नगर की गांड मार नागरिक और मुख्य अतिथि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष कुंजीलाल दुबे

इस मौके पर जिला स्तरीय प्रदर्शनी का भी आयोजन हुआ जिसमें कृषि सहित सभी विभागों ने हिस्सा लिया और मेले में अपनी-अपनी स्टाल लगाए  तब से आज तक मेला लगता चला आ रहा है और दिनों दिन इसका आकार और स्वरूप विस्तारित भी होता जा रहा है
पचमढ़ी के महादेव मेले से लौटते श्रद्धालु यहां पर स्थापित दुर्शिल  शिव पार्वती प्रतिमा के दर्शन कर पूण्य लाभ प्राप्त करते हैं।

सन 64 में सेठ रामगोपाल खंडेलवाल के                       निवास से निकली शोभा यात्रा

1962 में उमरसी  भाई गुजराती ने शिव पार्वती जी के नाम पर 3:30 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कर दी जहां पर मेला लगता है ।

1980 में क्या  शरद चंद्र तिवारी रामनारायण खंडेलवाल सब इंजीनियर श्री राठौर साहब नटवर सेठ बब्बू अग्रवाल ने श्री दुर्गा मंदिर की आधारशिला रखी

सन 64 का एक और सामूहिक चित्र

1992 में मंदिर में लक्ष्मी जी दुर्गा जी सरस्वती जी की मूर्ति स्थापित की गई जिसमें एसपी सिंह मनसब अरविंद सिंह चौहान बदामी लाल जैन भागवती प्रसाद मुद्गल संतोष मालवीय कन्नू अग्रवाल शरद चंद्र तिवारी  राम नारायण खंडेलवाल राठौर इंजीनियर साहब आदि ने यज्ञ कराया एवं दुर्गा जी सहित सभी मूर्तियों की स्थापना की गई मेला समिति के अध्यक्ष राम नारायण खंडेलवाल थे मेला सन 2000 तक निर्बाध रूप से लगता रहा  
2004 में विवाद के बाद 2018 से मेला नगर पंचायत पालिका परिषद लगा रही है ।

सन 64 में आज का शिव पार्वती मंदिर कुछ इस तरह खुला हुआ करता था
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