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पुलिस के विशेष प्रयासों से 12 वर्ष बाद घर वापसी हुई मोहन उर्फ  चिंटू की.                                      आधार अपडेशन के चलते खुली परतें .                              कोलकाता की मिशनरी आफ ने सहेजा 12 वर्षों तक.                 सजल नेत्रों से मां ने कहा  मां दुर्गा भवानी की कृपा का फल

पुलिस के विशेष प्रयासों से 12 वर्ष बाद घर वापसी हुई मोहन उर्फ  चिंटू कीआधार अपडेशन के चलते खुली परतें कोलकाता की मिशनरी आफ ने सहेजा 12 वर्षों तकसजल नेत्रों से मां ने कहा  मां दुर्गा भवानी की कृपा का फल

सोहागपुर।

पुलिस द्वारा अपराधियों की दर पकड़ तो आम तौर  से होती ही रहती है पर ठान ले तो समाज सेवा मे भी इसका कोई  सानी नहीं ।

हाल ही में  पुलिस अधिकारियों के विशेष प्रयासों से

12 वर्षों से  लापता हुआ एक बेटा अपने परिवार को मिला है। इस सिलसिले में सोहागपुर एसडीओपी संजू चौहान और टी.आई.कंचन सिंह ठाकुर की विशेष भूमिका रही जो अब जन सराहना के साथ उत्प्रेरणा का सबब भी बन चुकी है।

मामला एक 15 वर्षीय बालक के अचानक घर से जाने का था। एसडीओपी संजू चौहान के विशेष प्रयासों से 12 वर्ष पूर्व घर से गायब हुआ चिंटू उर्फ मोहन पिता दरियाव सिंह कुशवाहा निवासी ग्राम कलमेशरा वापस अपने घर आ गया है।

मामले में ऐंसे मिला सुराग–

 मामले के विवेचक एवं सोहागपुर एसडीओपी संजू चौहान ने बताया कि चिंटू उर्फ मोहन का आधार कार्ड सोहागपुर में बना हुआ था कोलकाता की संस्था के द्वारा आधार अपडेशन केंद्र पर उसका बायोमैट्रिक अपडेट कराया गया तब उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि युवक सोहागपुर का है और उन्होंने इस बात की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। कंट्रोल रूम ने सोहागपुर थाना प्रभारी कंचन सिंह ठाकुर को इस बात से अवगत कराया।

 श्री चौहान के मुताबिक उन्होंने संस्था के मुखिया से भी बातचीत की। वहां की पुलिस के समन्वय से इस मामले को सुलझाने में मदद मिली। स्थानीय पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में चिंटू का भाई रुपेश कुशवाहा अपने परिजनों के साथ विष्णुपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले मिशनरी आफ चैरिटी गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया गंगारामपुर पहुंचे एवं वहां से अपने भाई को सोहागपुर वापस लाए। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने विधिवत कागजी कार्यवाही करते हुए चिंटू को उसकी मां पार्वती बाई एवं भाई रुपेश के सुपुर्द किया है।

यह है मामला—

 13 सितंबर वर्ष 2012 को फरियादिया पार्वती बाई पति दरियाव सिंह निवासी कलमेशरा ने सोहागपुर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका 15 वर्षीय बालक घर से बिना बताए कहीं चला गया है। पुलिस ने मां की रिपोर्ट भादवि की धारा 363 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था।

 जानकारी के मुताबिक ऐसे मामलों में जब कुछ महीनो तक कोई सुराग नहीं मिलता तो ऐसे मामलों की विवेचना एसडीओपी रैंक के अधिकारियों द्वारा की जाने लगती है।

 एसडीओपी संजू चौहान के निर्देश पर थाना प्रभारी कंचन सिंह ठाकुर के द्वारा समय समय पर मामले के अपहृत बालक की पतारसी हेतु पत्राचार व रेडियो मेसेज किया जा रहे थे।  

कोलकाता से सूचना प्राप्त हुई कि उक्त नाम का बालक उनकी संस्था में है। जो कंट्रोल रूम के माध्यम से संबंधित थाने से संपर्क कर जानकारी प्राप्त की एवं परिजनों से संपर्क कर समन्वय स्थापित किया तो उक्त बालक की पहचान फरियादिया की लिखाई गई रिपोर्ट के अनुसार की गई। संबंधित बालक को कोलकाता पुलिस व सोहागपुर पुलिस की मदद से परिजनों के साथ सोहागपुर लाया गया।

कोर्ट में हुए बयान– स्थानीय पुलिस अधिकारियों के द्वारा मामले के अपहृत बालक से पूछताछ की गई व कोर्ट में बयान कराए गए। बालक के द्वारा अपने बयानों में यह बताया गया कि वह सोहागपुर रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर बीना चला गया था , वहाँ से ट्रेन बदलकर कटनी चला गया और इसी प्रकार ट्रेन बदलते-बदलते वह कोलकाता पहुँच गया। कोलकाता में जब वह भूखा प्यासा यहां वहां भटक रहा था तब वहां के कुछ लोगों ने उसे कोलकाता मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया  गंगारामपुर दक्षिण अलीपुर , थाना विष्णुपुर कोलकाता क्षेत्र स्थित संस्था को सौंप दिया। विगत 12 सालों से बालक उन्हीं के साथ रह रहा था। पुलिस के मुताबिक बालक की मानसिक स्थिति सामान्य बालक से जन्म से ही कमज़ोर है , बालक के द्वारा उसके साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं होना बताया गया है। बालक को उसकी माता पार्वती बाई कुशवाहा के सुपुर्द किया गया। इस मामले में एसडीओपी संजू चौहान , थाना प्रभारी कंचन सिंह , सउनि बाबूलाल पटेल ,  प्रधान आरक्षक प्रकाश चौहान एवं बलवीर अहिरवार ,  आरक्षक मनोज जायसवाल की विशेष भूमिका रही।

मां को था मां पर भरोसा —

 थाना प्रभारी कंचन सिंह ठाकुर ने बताया कि बेटे के वापस आने के उपरांत हमने उसकी मां पार्वती बाई से बातचीत करते हुए पूछा कि क्या आपको पता था कि आपका बेटा वापस मिलेगा? 

तब अपने हर्ष मश्रित सजल नेत्रों से पार्वती बाई बोली कि उन्हें आदि शक्ति भवानी मां दुर्गा पर पूरा भरोसा था कि कभी ना कभी उनका गायब बेटा अवश्य मिलेगा। 

पार्वती के आदिशक्ति भवानी मां दुर्गा पर अटल विश्वास एवं पुलिस के विशेष प्रयासों के चलते  12 वर्ष बाद  मां को अपना खोया बेटा मिल गया  चिंटू के वापस आने पर मां भाई एवं सभी परिजन प्रसन्न है।

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