नगर परिषद नहीं ले रही सुध , जगह-जगह लग रहा गंदगी का अंबार।
निजी भूखंडों पर हो रहा कचरा संग्रहण एवं निस्तारी उपयोग।
सोहागपुर।
विगत कुछ दिनों से नगर में सफाई व्यवस्था की निगरानी ना तो जन प्रतिनिधियों के द्वारा की जा रही है और ना ही नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान दे रहे हैं। इन दिनों नगर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। स्वच्छ सर्वेक्षण के नाम पर पॉलिथीन पर प्रतिबंध एवं अन्य जागरूक कार्यक्रमों का दिखावा कर लोगों को सफाई के प्रति प्रेरणा देकर वाहवाही लूटने वाली नगर परिषद अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रही है। नगर के मुख्य बाजार क्षेत्र में कई स्थानों पर सार्वजनिक कूड़ा पड़ाव स्थल पर पर्याप्त साफ-सफाई नहीं होने से गंदगी के बीच में से लोगों को गुजरना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त नगर में कई ऐसे निजी भूखंड पड़े हुए हैं जिन पर लोगों के द्वारा कचरा डाला जा रहा है। साथ ही निस्तार हेतु इन भूखंडों का प्रयोग भी खुलेआम किया जा रहा है। लेकिन इन भूखंड मालिकों को भी नगर परिषद के द्वारा किसी प्रकार के कोई नोटिस जारी नहीं किया जा रहे हैं। नगर परिषद अधिनियम की विशेष धाराओं के तहत ऐसे भूखंडों के मालिकों पर कार्यवाही की जा सकती है। लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी ऐसे भूखंडों पर संज्ञान नहीं ले रहे हैं। मुख्य बाजार क्षेत्र में एक सुविधा घर तोड़कर मार्केट के व्यापारियों को निस्तार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक सुलभ कंपलेक्स श्यामा प्रसाद मुखर्जी परिसर के अंदर बनाया गया था लेकिन इसके नियमित सफाई नहीं होने एवं बेहतर तरीके से निर्माण नहीं होने के चलते आसपास के क्षेत्र के व्यापारी बदबू से काफी परेशान है। कई स्थानों पर मूत्र के डबरे भरे हुए हैं। जिसके चलते यहां के लोग मुंह पर रुमाल ढकने को विवश है। इस क्षेत्र में दुकान संचालित करने वाले व्यापारियों के मुताबिक यहां पर खुले में ही लोगों के द्वारा लाज शर्म छोड़कर मूत्र त्याग किया जा रहा है। इससे क्षेत्र में आने वाली महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे ग्राहकी भी प्रभावित हो रही है। नगर में ऐसे हालात कई स्थानों पर भी निर्मित है जहां पर पर्याप्त सफाई नहीं होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लोगों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित नगर परिषद सीएमओ एवं सफाई शाखा से जुड़े जिम्मेदार कर्मचारियों को इस और ध्यान देने की आवश्यकता है।