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कामती रेंज में एक महीने से लंगड़ाते हुए घूम रहे घायल बाघ को बेहोश कर उपचार कियाफिर जंगल में छोड़ा चार घंटे चला ऑपरेशन दो घंटे में हुआ उपचार ।


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सोहागपुर । सोहागपुर के कामती क्षेत्र में पर्यटन स्थल मढई के पास पिछले महीने जगलों में एक युवा बाघ को लगड़ाते हुए देखा गया था
बाघ पकड़ने के लिए एक बडे अभियान की योजना बनाकर पहले उसे ट्रॅकुलाइज किया गया फिर उसका उपचार कर उसे जंगल में छोड़ा गया
अभियान का नेतृत्व पशु चिकित्सकों के साथ खुद फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति कर रहे थे

मिली जानकारी के मुताबिक जबलपुर और
होशंगाबाद के पशु चिकित्सकों ने कामती क्षेत्र में, घायल बाघ को पकड़ने के लिए गुरुवार को घंटों ऑपरेशन चलाया फिर बाघ को बेहोश कर कम्पार्टमेंट में ही डिस्पेंसरी बनाई और फिर वही चिकित्सकों की टीम ने उसका उपचार किया।
उसके पैर में लिगामेंट में गड़बड़ी के कारण बाघ दर्द से बेहाल था।


लगभग चार घंटे की मशक्कत के बाद घायल बाघ को हाथी दल ने ट्रॅक्यूलाइज किया
बताया जा रहा है कि वह शीघ्र ही पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाएगा।
फिलहाल 2 घंटे चले उपचार के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया गया है ।
कहा जा रहा है कि घायल बाघ का जंगल में घूमना बेहद खतरनाक रहता है क्योंकि वह इस स्थिति में खूंखार भी हो जाता है और आक्रामक भी तथा संभावनाएं दूसरे किसी बाघ से लड़ाई की भी बनी रहती है जिससे घायल बाघ की जान का खतरा भी बना रहता है
होशंगाबाद जबलपुर जबलपुर के चिकित्सकों की टीम ने उसका उपचार किया है इस ऑपरेशन में पूराअमला लगाया गया था।
कामती के एसडीओ अंकित जामोद ने बताया कि उपचार के बाद इसके बाद चिकित्सकों ने एक्स-रे लेने के साथ इसका परीक्षण किया। उसके पैरों की कोई हड्डी नहीं टूटी थी अपितु उसके लिगामेंट क्षतिग्रस्त हो गए थे जिसके कारण उसे दर्द हो रहा था ।
ऑपरेशन बाघ में उच्च अधिकारियों सहित जमीनी अमला पूरी तरह से सक्रिय रहा ।

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