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एसडीएम ने किया नर्मदा किनारे बसे गांवों का निरीक्षण पामली में 35 हेक्टेयर भूमि पर लगी धान डूबी भटगांव में डूबा मंदिर उखड़ी सी सी रोड                                    झिरमटा में नदी ने रास्ता रोका

सोहागपुर। विगत एक-दो दिनों से हो रही तेज बारिश और बरगी एवं बारना डैम से छोड़े गए पानी के चलते विकासखंड के नर्मदा किनारे के कुछ ग्रामों में जल भराव की स्थिति निर्मित हो रही है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है

                       एसडीएम असवन राम चिरावन के नेतृत्व में तहसीलदार अलका एक्का ,  जनपद सीईओ संजय अग्रवाल  , नायब तहसीलदार पूनम सलामें , राजस्व निरीक्षक गुलाबचंद उईके के द्वारा नर्मदा नदी के किनारे स्थित ग्रामों का निरीक्षण कर ग्रामवासियों को समझाइए दी गई है।   

                                                           एसडीएम ने बताया कि ग्राम पामली में पलकमती एवं नर्मदा नदी के संगम क्षेत्र के आसपास लगभग 35 हेक्टेयर जमीन पर लगी धान की फसल डूब गई है।                            इसके अतिरिक्त रामनगर गांव में मेहरा समाज के तीन परिवारों को रहवासी क्षेत्र में पानी आने की स्थिति में गांव के स्वास्थ्य केंद्र में शिफ्ट होने का परामर्श दिया गया है

।                                    इस सिलसिले में आर आई,  पटवारी , चौकीदार ग्राम सचिव ,  जीआरएस की टीम को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त रेवा बनखेड़ी गांव में भी लगातार नर्मदा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। यदि जलस्तर में 4 फीट वृद्धि होती है तो रास्ते पर पड़ने वाली एक पुलिया भी डूब जाएगी जिससे यह गांव संपर्क से कट जाएगा।                                                                   इन हालातों ऐसी में वहां भी एक टीम तैनात की गई है जो जल स्तर पर निगरानी रखे हुए हैं।                                 उक्त सभी ग्रामों के अतिरिक्त सांकला , अजेरा , माछा , भटगांव सहित नर्मदा तट क्षेत्र पर बसे अन्य ग्रामीणों में कोटवार , सचिव , जीआरएस  , पटवारी को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

        ग्राम भटगांव में रहवासी क्षेत्र में घुसा पानी– 

  भटगांव के सरपंच सुधीर ठाकुर ने बताया कि भटगांव में मां नर्मदा नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण रहवासी क्षेत्र में पानी घुस आया है। यह स्थिति बुधवार शाम से ही बनी हुई है। हालांकि गांव में अधिक ऊंचाई पर घर होने के कारण किसी के घर में पानी नहीं पहुंचा है।                                    लेकिन गांव के अंदरूनी रास्ते डूब में है। गांव के बीचों बीच स्थित महावीर हनुमान मंदिर भी डूब गया है। सरपंच के मुताबिक यदि लगातार जल स्तर में वृद्धि होती है और लोगों के घरों में पानी पहुंचने की स्थिति बनती है तो उनके द्वारा ग्राम पंचायत भवन में  राहत शिविर की व्यवस्था बनाई गई है।   अजेरा के सरपंच वसंत शाह के मुताबिक बरगी से पानी छूटने के बाद जल स्तर  में वृद्धि हुई है हम सब  सतर्क है क्योंकि आदि हो चुके हैं।                                          प्रशासनिक अधिकारियों के टीम ने दौरा किया है और एसडीएम के निर्देश पर गांव में ग्राम पंचायतों के सचिव    जीआरएस पटवारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कोटवार को बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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