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अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ।                   एस.टी.आर के कर्मचारियों को दे रहे प्रशिक्षण घास की पहचान और उपयोगिता का

सोहागपुर।
इन दिनों सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए घास के मैदान प्रबंधन पर क्षेत्रीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है।
चूँकि अधिकांश घास के मैदान प्रकृति में मानवजनित हैं, नियमित रूप से खरपतवार और झाड़ियाँ उन्मूलन के माध्यम से इसे बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
वर्षों से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में घास के मैदान स्वादिष्ट घास प्रजातियों, जंगली फलियों की वृद्धि और नमी व्यवस्था के साथ सकारात्मक बदलाव दिख रहा है।

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यह बात बताते हुए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के संचालक कृष्ण मूर्ति ने बताया कि
बारिश के बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के मैदानी क्षेत्रों में घास उग आई है। शाहाकारी जीवों के लिए यह घास बहुत जरूरी है।
यही कारण है कि एसटीआर पार्क प्रबंधन  घास किस तरह से बेहतर उपयोग हो इसका प्रशिक्षण ले रहा है। अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञ एसटीआर के फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण देने आए हैं।
अच्छे ग्रासलैंड से शाकाहारी जीवों के विकास के लिऐ और उसके परिणाम स्वरूप एसटीआर में बाघों के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी।

यही कारण है कि एसटीआर पार्क प्रबंधन  घास किस तरह से बेहतर उपयोग हो इसका प्रशिक्षण ले रहा है। अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञ एसटीआर के फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण देने आए हैं।

                    हटाई जाएंगी खरपतवार

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा समय-समय पर दूसरे टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञों के माध्यम से इस तरह के प्रशिक्षण दिलाए जाते हैं।
बीते कुछ सालों में इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दिए है।
प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि कौन सी घास शाकाहारी जीवों के खाने योग्य है और कौन सी नहीं।
साथ ही  खरपतवार के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
अब एसटीआर में खरपतवार हटाने का काम शुरू होगा। इस वजह से कर्मचारियों को भी इसमें सुविधा मिलेगी। साथ ही वे सिर्फ अनुप्योगी पेड़-पौधों की ही ग्रास लैंड से हटाएंगे।

     इनका कहना है

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में घास के मैदानों में स्वादिष्ट घास प्रजातियों, जंगली फलियों की वृद्धि और नमी व्यवस्था के साथ सकारात्मक बदलावों से शाकाहारी जीवों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है।

शाकाहारी जानवरों के लिए खाद्य और अवाय प्रजातियों की घास के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञ इसका प्रशिक्षण देने आए हैं। एल कृष्णमूर्ति, संचालक, एसटीआर

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