आत्मा की अमरता का उपदेश देती है गीता “पंडित सहरिया” नपुंसकता को दूर करने का पाठ सिखाती है गीता “पंडित मुद्गल”
श्री राम कृष्ण दीवान मंदिर में मनी गीता जयंती , आयोजित हुआ गीता रहस्य एवं ज्ञान गंगा कार्यक्रम।
सोहागपुर।
गीता ज्ञान देती है। मोह अहंकार इत्यादि व्याधियों से दूर होने की शिक्षा प्रदान करती है गीता वह पवित्र पावन ग्रंथ है जो मनुष्य को अपने जीवन में कर्म की प्रधानता की बात बताते हुए कर्म पथ पर चलने का उद्देश्य प्रदान करती है। उक्त बात पंडित मनमोहन प्रसाद मुद्गल ने गीता जयंती के अवसर पर स्थानीय श्री राम कृष्ण दीवान मंदिर में आयोजित गीता रहस्य एवं ज्ञान गंगा कार्यक्रम में अतिथि के रूप में कही। इस दौरान पंडित राजेंद्र सहारिया , पंडित कैलाश नारायण परसाई , राममोहन पांडे , पंडित शैलेंद्र शर्मा मंचासीन रहे। अतिथियों का तिलक लगा पुष्पमाला पहनाकर स्वागत समिति अध्यक्ष पंडित इंद्र कुमार दीवान , पार्षद गौरव पालीवाल एवं आशीष मालवीय , मेंटर गजेंद्र सिंह ठाकुर एवं नरेंद्र सिंह , डालचंद साहू एवं जगदीश कसेरा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंडित राजेंद्र सहारिया ने कहा कि महाभारत से गीता का जन्म हुआ। अर्जुन को यह विषाद हो गया था कि मैं अपनों से कैसे लड़ूं। 18 अध्याय में गीता का भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया। यह जीवन उपयोगी शिक्षा प्रदान करती है। यह नपुंसकता को छोड़ने की शिक्षा देती है। यह आत्मा की अमरता का पाठ सिखाते हुए इस बात का ज्ञान कराती है कि शरीर नश्वर है। पंडित कैलाश नारायण परसाई ने कहा कि गीता कोई साधारण ग्रंथ नहीं है बल्कि यह मनुष्य को जीवन जीने का सलीखा बताती है। हम सभी को गीता का अध्ययन कीर्तन मनन एवं इससे प्राप्त शिक्षाओं पर चिंतन करना चाहिए। पंडित शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि धर्म अर्थ काम मोक्ष के बारे में बताते हुए गीता अहंकार से दूर रहकर अपने कर्तव्य पथ पर पूर्ण समर्पण एवं निष्ठा के साथ चलकर कर्म करने की शिक्षा देती है। अधिवक्ता प्रांजल तिवारी ने कहा कि फ्रांस के एक दार्शनिक रोमा रोला ने सभी धर्मों के इष्टों पर अध्ययन किया था। और उसे अध्ययन का निचोड़ यह था कि उन्होंने सभी धर्म के सभी अवतारों में भगवान श्री कृष्ण के अवतार को सर्वश्रेष्ठ बताया।
इसका कारण उन्होंने भगवान श्री कृष्ण द्वार गीता जैसे अनुपम ग्रंथ को लोक कल्याण में समर्पित करना बताया। इस दौरान लल्लू परसाई , गोपाल चौरसिया , मनोनीत दीवान , कृतिका दुबे कनिष्का दुबे पिंकी कुशवाहा बबीता कुशवाहा कैलाश कुशवाहा शरद योगी ऋषिक पांडे सहित अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संजीव शुक्ला के द्वारा किया गया कार्यक्रम को समापन गर्भ गीता के पाठ आरती एवं महाप्रसादी के वितरण के साथ हुआ।