साल का पहला चंद्र ग्रहण आज अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को
आज ग्रहण जितना भारत में दिखेगा उतना ही एशिया के बाकी देशों में
उपछाया ग्रहण की गलत सूचनाओं के ग्रहण पर से सारिका ने हटाया ग्रहण
सोहागपुर ।
आज {5 मई } चंद्रमा उपछाया ग्रहण के साये में होगा। इसमें चांदनी कुछ फीकी सी होगी। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि शाम 8 बजकर 44 मिनिट से यह ग्रहण आरंभ होकर रात्रि 1 बजकर 1 मिनिट पर समाप्त होगा। चंद्रमा पर होने वाले तीन प्रकार के ग्रहण में से यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा।
सारिका ने बताया कि वैसे तो पूर्ण चंद्रग्रहण के अलावा चंद्रमा के बाकी ग्रहण को आसानी से महसूस नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसकी चमक में मामूली कमी आती है । इसमें भी उपछाया ग्रहण के दौरान चंद्रमा की चमक में होने वाली कमी आसानी से नहीं समझ में आती है। इसका अर्थ यह नहीं होता कि उपछाया ग्रहण होता नहीं है । धार्मिक मान्यताओं की वैज्ञानिक तथ्यों से तुलना नहीं की जाना चाहिये । सोशल मीडिया एवं कुछ अन्य माध्यमों में बताया जा रहा है कि भारत में उपछाया ग्रहण नहीं दिखेगा , यह वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है । आज का उपछाया ग्रहण जितना भारत में होगा उतना ही एशिया के अन्य देशों में होगा।
सारिका के अनुसार इस ग्रहण को देखने के लिये किसी यंत्र या व्यूअर की आवश्यक्ता नहीं होगी । 20 अप्रैल को घटित हाइब्रिड सूर्यग्रहण के 15 दिन के बाद यह चंद्रग्रहण की घटना हो रही है । अगला चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को होगा। इस आंशिक चंद्रग्रहण को भी भारत में देखा जा सकेगा ।
सारिका के मुताबिक चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। जब चंद्रमा का पूरा भाग पृथ्वी की घनी छाया में आता है तो पूर्णचंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse) होता है। जब चंद्रमा का कुछ भाग घनी छाया में और कुछ भाग उपछाया में होता है तो आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclise ) होता है। जब चंद्रमा का पूरा भाग उपछाया में होता है तो उपछाया ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse ) कहते हैं।
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इस इमेंज में यह बताया गया है कि चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया वाले भाग से किस प्रकार निकलेगा । जब वह इस भाग से निकलेगा तो उसकी चमक में कुछ कमी होगी । हालाकि सामान्य जन इसे आसानी से नहीं समझ पायेंगे । लेकिन वैज्ञानिक यंत्रों की मदद से इसका मापन किया जा सकता है ।
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