कवि, पत्रकार स्वर्गीय अतुल दुबे स्मृति व्याख्यान माला एवं काव्य गोष्ठी संपन्न
अतुल दुबे स्वतंत्र व्यक्तित्व के धनी थे : पूर्व सहायक निदेशक दुबे
साहित्य के मंच पर स्व दुबे का किया स्मरण
कवियों ने सुनाई रचनाएं
सोहागपुर
अतुल दुबे स्वतंत्र व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें किसी की गुलामी पसंद नहीं थी इसलिए पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते थे। उक्त बात रक्षा मंत्रालय के पूर्व सहायक निदेशक प्रमोद दुबे जबलपुर ने श्रोताओं के बीच कहीं। दरअसल शुक्रवार को
साहित्यकार एवं पत्रकार स्वर्गीय अतुल दुबे स्मृति व्याख्यान माला एवं कवि गोष्ठी का आयोजन स्थानीय परशुराम भवन में किया गया था। इस दौरान मंचासीन अतिथि एसडीओपी मदन मोहन समर , कन्नूलाल अग्रवाल ,महंत हरकिशन दास एवं करेली से पधारे नारायण श्रीवास्तव ने स्वर्गीय अतुल दुबे अलंकार का स्मरण करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं अनुभवों पर प्रकाश डाला।
यह पूरा आयोजन पलकमति साहित्य परिषद के द्वारा किया गया था। स्वर्गीय दुबे के पुत्र श्वेतल दुबे ने बताया यह साहित्यिक अनुष्ठान 13वीं पुण्यतिथि पर आयोजित है। व्याख्यान माला के द्वितीय चरण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।इसमें अंतरराष्ट्रीय कवि मदन मोहन समर ने अपनी ओजस्वी शैली से हटकर पर्यावरण पर कविता पाठ किया। श्री समर ने विकास की बलि चढ़ते पेड़ों की पीड़ा को कविता के रूप में रेखांकित किया।
कार्यक्रम का संचालन साहित्य परिषद अध्यक्ष अमित बिल्लोरे ने किया।
इन कवियों ने पढ़ी कविताएं
कवि सम्मेलन के मंच से कवि मदन मोहन समर के अलावा पंडित राजेंद्र सहरिया , नारायण श्रीवास्तव, अमित बिलोरे , प्रमोद दुबे, जीवन दुबे कनिष्का दुबे, सौरभ सोनी, प्रबुद्ध दुबे ,शैलेंद्र शर्मा, श्वेतल दुबे ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नीलम तिवारी, हीरा लाल गोलनी राजेश शुक्ला, डी के मिश्रा ,शिवकुमार दीवान धनराज तिवारी,डॉक्टर संजीव शुक्ला शरद चौरसिया इंद्र कुमार दीवान प्रांजल तिवारी संदीप साहू प्रदीप स्वर्णकार भरत तिवारी आदि मौजूद रहे।