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आज़ से द्वापर कालीन जमनी सरोवर पर नौ दिवसीय श्री राम कथा का शुभारंभ                  महाशिवरात्रि पर होगा भगवान शिव का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव          बाबा हरिओम की परिकल्पना साकार, श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम

सोहागपुर।
धर्म, आस्था और संस्कृति के केंद्र ऐतिहासिक जमनी सरोवर पर स्थित भव्य शिव मंदिर में 22 फरवरी से भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव प्रारंभ होगा। इस शुभ अवसर पर 18 से 26 फरवरी तक नौ दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ 18 फरवरी को कलश यात्रा से होगा।

महाशिवरात्रि पर विशेष आयोजन

प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक पं. सौरभ शर्मा पामली की कथा वाणी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रस से सराबोर करेगी। 22 फरवरी को पंचांग पूजन और गृह मंडलादि स्थापना के साथ प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान प्रारंभ होगा। 23 से 25 फरवरी तक जलाधिवास, अन्नाधिवास, पुष्पाधिवास, फलाधिवास और शैयाधिवास जैसे धार्मिक अनुष्ठान होंगे। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा, महाभिषेक, हवन, पूर्णाहुति और फलाहारी भंडारा दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक संपन्न होगा।

श्रम और संकल्प का प्रतीक बना भव्य शिव मंदिर

जमनी सरोवर, जो कभी सूख चुका था, अब जल से लबालब भरा हुआ है और इसके मध्य निर्मित भव्य शिव मंदिर नगरवासियों के श्रद्धा और सेवा भाव का प्रतीक बन गया है। इस पुनर्जागरण का श्रेय पूर्व जनपद सीईओ बंदू सूर्यवंशी को जाता है, जिनके नेतृत्व में नगरवासियों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से वर्ष 2019 में सरोवर का उद्धार किया गया। इस संकल्प और श्रमदान का ही परिणाम है कि अब यह स्थल धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है।

बाबा हरिओम की परिकल्पना को मिला साकार रूप

गोलोकवासी बाबा हरिओम ने वर्षों पूर्व इस सरोवर में शिव मंदिर स्थापित करने की परिकल्पना की थी। उन्होंने स्वयं ओंकारेश्वर से शिवलिंग लाकर यहां स्थापित किया था। इस पवित्र संकल्प को मूर्त रूप देने में जमनी के महंत स्व. एसपी सिंह मास्साब का भी योगदान रहा। आज, उनकी इस संकल्पना को साकार करने में नगरवासियों, समाजसेवियों और प्रशासन की सामूहिक भागीदारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बाबा हरिओम की वाणी सिद्ध मानी जाती थी। उनकी कृपा से कई नि:संतानों को संतान सुख प्राप्त हुआ, जिसके अनेक उदाहरण आज भी देखे जा सकते हैं।

शिक्षा, संस्कृति और धर्म का केंद्र: सीता राम विद्या मंदिर

जमनी सरोवर स्थित सीता राम विद्या मंदिर 33 वर्षों से धर्म, संस्कृति और शिक्षा का संगम बना हुआ है। 26 नवंबर 1991 से यहां अखंड ज्योति प्रज्वलित है और अनवरत रामायण पाठ जारी है। इस मंदिर परिसर में स्व. एसपी सिंह मास्साब ने 1997 में विद्यालय की नींव रखी थी, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ अनुशासन, संस्कार और भारतीय संस्कृति का गहन ज्ञान दिया जाता है।

उनके प्रयासों से यह विद्यालय सोहागपुर ही नहीं, बल्कि पूरे जिले में एक विशिष्ट पहचान बना चुका है। उनके स्वर्गवास के बाद उनके पुत्र हरिहर सिंह और पौत्र दिग्विजय सिंह इस विद्यालय की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

आस्था और सेवा का प्रतीक बना जमनी सरोवर

आज यह मंदिर, विद्यालय और धार्मिक आयोजन केवल धार्मिक स्थल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि संपूर्ण समाज को संस्कार, शिक्षा और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। यह केवल सोहागपुर ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए आस्था, प्रेरणा और सेवा का केंद्र बन चुका है।

“जहाँ श्रद्धा, संकल्प और समर्पण एक साथ चलते हैं, वहाँ असंभव कुछ भी नहीं होता।”
जमनी सरोवर पर शिव मंदिर का निर्माण और श्री राम कथा का भव्य आयोजन इसी सत्य का प्रमाण है।

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