| | |

माता सरस्वती की तपोस्थली कुब्जा सगम परपारंपरिक धूमधाम के साथ मनाई गई नर्मदा जयंतीकन्या भोज के साथ चुनरी महोत्सव संपन्न हुआनर्मदा जी के सभी घाटों पर संपन्न हुए कन्या भोज भंडारे

सोहागपुर। माता सरस्वती की तपोस्थली रेवा कुब्जा संगम सहित नर्मदा जी के सभी घाटों पर नर्मदा जयंती पारंपरिक हर्षोल्लाह और धूमधाम के सथ मनाई  गई इस अवसर पर अजेरा के गौघटा पर भारी जनसमुदाय और संत महात्माओं की उपस्थिति में गौघटा से डूमर घाट तक नर्मदा जी को चुनरी चढ़ाई गई ।

इस मौके पर गैया वाले महात्मा आत्मानंद जी तथा बावड़ी वाले राम जानकी मदिर के महंत पवन सुत दास महाराज विशेष रूप से उपस्थित  थे  ।
इस अवसर पर हमेशा की तरह विशाल कन्या भोज और भंडारे का भी आयोजन हुआ नर्मदा जी के सभी घाटों पर संपन्न हुए कन्या भोज भंडारे।

 
इस  विशाल और भव्य आयोजन के आयोजक पूर्व जिला जनपद सदस्य समाजसेवी गोविंद मेहरा ने बताया कि मां नर्मदा की कृपा से पिछले 20 वर्षों से उक्त आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न होता चला आ रहा है ।


आयोजन  के प्रारंभ से जुड़े विजयनामदेव( मुन्नाभैया,) बबलू शर्मा भवानी पटेल और उनकी टीम आज भी इस आयोजन में समर्पण के साथ लगी हुई है ।
पौध रक्षक रुप राम केवट और अजेरा के लालू शाह हमीरा आदि समूचे ग्राम वासियों की इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अहम भूमिका रहती है


इनके अलावा पंकज पालीवाल जी नीतू मिश्रा टिल्लू मिश्रा  बृजेश कुमार पालीवाल  दिनेश पटेल विजय कुमारनामदेव अतुल तिवारी कमलेश कुमार आचार्य
छोटू पटेल अशोक कुमार मालपानी  मोहन पालीवाल  सहित शोभापुर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों
श्रद्धालु  मौजूद  थे


अंजेरा के सरपंच बसंत शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ पीठाधीश्वर संत बालक भगवान के सन 2004 में आगमन के पश्चात और आशीर्वाद से अजेरा के रेवा कुब्जा संगम पर धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां स्वत: गतिमान हुई है । हर विशेष पर्वो और अवसरों  पर यहां बड़े आयोजन होने लगे हैं ।


उल्लेखनीय है कि  कि विधायक विजयपाल सिंह राजपूत के सहयोग और प्रयासों से कुब्जा सगम धर्मशाला और संगम तक सीढियां और कई गांवों को जोड़ने वाला पीलिया पुल भी अस्तित्व में आया ।

साझा करें

Similar Posts