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प्रजनन काल मे भी प्रतिबंध के बावजूद हो रहा मछली का अवैध शिकार और व्यापार ।             शासन व्यवस्था मौन                  गाडरवारा पिपरिया से लेकर जबलपुर दिल्ली भोपाल कोलकाता तक भेजी जाती है मछलियां ।

सोहागपुर।
पंद्रह अगस्त तक मत्स्याखेट पूरी तरह प्रतिबंधित है बावजूद इसके मछली मारना एवं उसका व्यापार अपने पूरे चरम पर है।
सोहागपुर, पिपरिया में मछली दुकान लगाकर खुलेआम बेची जा रही है। सूत्रों के मताबिक दोनों नगरों में मछली कारोबार को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस से सीधी सेटिंग की गई। बताया गया है कि हर वर्ष की तरह यह व्यवस्था पिपरिया के किसी टिक्कू कहार द्वारा कराई गई है ।
पता चला है कि सोहागपुर पिपरिया का यह अवैध कारोबार टिक्कू की ही देखरेख में चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि अवैध मत्स्याखेट के मामले में सोहागपुर प्रदेश की बड़ी मछली मंडी है।
ज्ञातव्य है कि नर्मदा और तवाडेम के चालीस से अधिक घाटों पर मत्स्याखेट किया जाता है। और मछलियां यहां से कोलकाता तक भेजी जाती हैं
वर्तमान में मछली का प्रजनन काल है और इस समय हरेक मछली असंख्य अंडे छोड़ती है।
ऐसे समय में मत्स्य आखेट किया जाना बड़ा अपराध है साथ ही साथ ही प्रजनन काल में मछलियों का सेवन स्वास्थ्यके लिए भी हानि कारक और जानलेवा भी है
किन्तु दोनों ही थानों की सेटिंग के चलते यह कारोबार अन्य दिनों की भांति बेबाकी से और सरेआम किया जा रहा है।
नगर के मछली कारोबारियों के मुताबिक ब
सभी ने मिलकर दो लाख अस्सी हज़ार रूपए थाने में भेंट दी है
इसलिए ही किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही सोहागपुर पुलिस नहीं कर रही है।
उल्लेखनीय है कि सोहागपुर से गाडरवारा, पिपरिया, बनखेड़ी, भोपाल और दिल्ली और कोलकाता तक मछली सप्लाई की जा रही है। यह सप्लाई रेल एवं सड़क मार्ग दोनों से ही की जा है।
और यह सिलसिला वर्षो से निर्बाध चला आ रहा है।
टी.आई कंचन सिंह ठाकुर एवं एस.डी.ओ पुलिस संजू सिंह चौहान से अपेक्षा है कि इस मामले सार्थक और प्रभावशाली कार्यवाही करवा कर अवैध मत्स्याखेट पर रोक लगाएंगे।

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