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मढई में वन्यजीव व पशुधन स्वास्थ्य सुरक्षा पर कार्यशाला आयोजित   पशुधन सुरक्षा की दृष्टि से एस टी आर का एक महत्वपूर्ण आयोजन

सोहागपुर। गत दिवस सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मड़ई में वन विभाग, वाइल्डलाइफ कंसर्वेशन ट्रस्ट और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य वन्यजीवों और घरेलू पशुओं के बीच संक्रामक रोगों के फैलाव को रोकने के लिए निगरानी और टीकाकरण प्रयासों को सशक्त बनाना था।

इस पहल के तहत वन अधिकारियों, अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों, पशु चिकित्सकों, पैरावेटरिनेरियन और पशुधन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (गोसेवकों) को एक मंच पर लाया गया, ताकि वे वन्यजीव-पशुधन इंटरफेस पर रोग निगरानी और टीकाकरण के लिए समन्वित रणनीति तैयार कर सकें।
कार्यशाला ने दीर्घकालिक वन्यजीव और पशुधन स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एक प्रभावी अंतरविभागीय ढांचे की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।

इस अवसर पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक श्रीमती राखी नंदा, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं छिंदवाड़ा श्री एन. के. मौर्य, पशु चिकित्सक श्री गुरुदत्त शर्मा, वाइल्डलाइफ कंसर्वेशन ट्रस्ट के चिकित्सक श्री प्रशांत देशमुख, श्री हिमांशु जोशी और श्री विनय पांडे ने महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया।
कार्यशाला में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के सभी सहायक संचालक, समस्त परिक्षेत्र अधिकारी, तथा नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों से आए पशु चिकित्सक, पैरावेटरिनेरियन और पशुधन स्वास्थ्य कार्यकर्ता (गोसेवक) उपस्थित रहे।

यह कार्यशाला वन्यजीव संरक्षण और पशुधन स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक अहम कदम साबित होगी, जिससे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और आसपास के क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

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