कमिश्नर के आदेश, फिर भी बेखौफ रेत माफिया!

छापामार कार्रवाई के बावजूद खाली हाथ लौटी प्रशासनिक टीम
सोहागपुर। कमिश्नर के सख्त निर्देशों के बाद भी रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है। गुरुवार को जिले से आई माइनिंग विभाग की टीम, राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध खनन वाले इलाकों का दौरा किया, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। छापामार कार्रवाई से पहले ही रेत माफिया सतर्क हो गए और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां मौके से भाग निकलीं।

रेत माफिया के नेटवर्क के आगे प्रशासन पस्त!
इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया कि रेत चोरों की जड़ें कितनी गहरी हैं। ग्रामीणों ने अधिकारियों के सामने खुद स्वीकार किया कि दिन-रात धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार अब तक इसे रोकने में नाकाम साबित हुए हैं। तहसीलदार अंजू लोधी के मुताबिक, टीम ने महुआखेड़ा, अजबगांव, खपड़िया और भट्टी निवारी में छापा मारा, लेकिन मौके पर कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं मिली। हालांकि, सुखी नदी में ट्रैक्टरों के गहरे निशान और निकाली गई रेत साफ इशारा कर रही थी कि चोरी का खेल अब भी जारी है।

बड़े खेल की ओर इशारा करती कच्ची पर्चियां
क्षेत्र में रेत रॉयल्टी के नाम पर खुली लूट मची हुई है। शासन द्वारा केवल रेवा मुहारी और रेवा बनखेड़ी की खदानों की रॉयल्टी स्वीकृत की गई है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर अन्य जगहों से रेत उठाकर कच्ची पर्चियों पर कारोबार चल रहा है। इससे न सिर्फ सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है, बल्कि आम जनता भी महंगे दामों पर रेत खरीदने को मजबूर है।
अब होगी सख्त कार्रवाई? या जारी रहेगा खेल?

प्रशासन ने रेत माफिया को पकड़ने के लिए नई रणनीति बनाने की बात कही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह महज एक और दिखावटी वादा होगा या वाकई सख्त कार्रवाई देखने को मिलेगी? क्योंकि जब तक जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे हैं, तब तक नदियों से रेत की लूट जारी रहेगी और रेत माफिया बेलगाम रहेगा!