सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – मढ़ई की सैर बाघिन के साथ शावकों की अठखेलियां

आज हम आपको ले चलते हैं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई जंगलों में, जहां आप फायर लाइन वाली बाघिन के चारों शावकों को खेलते और मस्ती करते देख सकते हैं। गर्मी की तपिश से राहत पाने के लिए इनकी जल क्रीड़ा भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
बाघ शावकों का मां के साथ लाड़-दुलार

पर्यटक इन दुर्लभ पलों को अपने कैमरों में कैद करने के लिए उत्साहित नजर आए। मढ़ई क्षेत्र की ये यादें न केवल उन्हें हमेशा याद रहेंगी, बल्कि उनका यहां आना भी सार्थक हो गया। आमतौर पर इस तरह के दृश्य यदा-कदा ही देखने को मिलते हैं
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साइटिंग का बेहतरीन अनुभव

मढ़ई के सहायक संचालक अंकित जामोद के अनुसार, इन दिनों साइटिंग शानदार हो रही है क्योंकि जंगल के जीव-जंतु जलाशयों के आसपास अधिक देखे जा रहे हैं। साथ ही, बोटिंग के माध्यम से भी पर्यटकों को वन्य प्राणियों को देखने का अवसर मिल रहा है।

बाघिन और उसके शावकों का स्वाभाविक जीवनचक्र
वन्य जीव विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था के बाद टाइग्रेस (बाघिन) टाइगर (बाघ) से अलग हो जाती है और अपने शावकों की परवरिश में लग जाती है। वह न केवल उनका पालन-पोषण करती है, बल्कि उन्हें शिकार करना भी सिखाती है।

एक समय ऐसा आता है जब शावक वयस्क होकर अपनी खुद की टेरिटरी बना लेते हैं और कमजोर होती बाघिन को खदेड़ देते हैं। इस स्थिति में, बाघिन को आसान शिकार की तलाश में नए ठिकाने ढूंढने पड़ते हैं, जो कभी-कभी रिहायशी इलाकों के आसपास भी हो सकते हैं।

जंगल का नियम – सिर्फ ताकतवर को जीने का हक!
जंगल में केवल सबसे ताकतवर ही जीवित रह सकता है। कमजोर या तो संघर्ष में हारकर मारे जाते हैं या फिर भूख और बीमारियों की चपेट में आकर मौत के आगोश में समा जाते हैं।
नीलम Tiwari.com के लिए मढ़ई से नीलम तिवारी की रिपोर्ट
