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हमलावर बाघ शावक पकड़ा गया: कॉलर ID लगाकर फिर जंगल में छोड़ा, अब हर गतिविधि पर रहेगी नजर”

सोहागपुर।

मढ़ई के कोर क्षेत्र में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला दो वर्षीय बाघ शावक आखिरकार शनिवार को पकड़ लिया गया। करीब दो घंटे चले अभियान के बाद शावक को ट्रेंकुलाइज कर उसके गले में कॉलर ID लगाई गई और फिर उसे सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ दिया गया। अब इस कॉलर ID के माध्यम से उसकी हर गतिविधि पर गश्ती दल नजर रखेगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए मढ़ई के सहायक संचालक अंकित जामोद ने बताया कि हाल ही में मढ़ई के लागदा और सोनभद्र कैंप पर इस बाघ ने दो चौकीदारों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। इससे पहले भी एक चौकीदार इस बाघ से बचने के लिए पेड़ पर चढ़ गया था। इन घटनाओं के बाद वन विभाग की निगाहें इस बाघ की हरकतों पर टिक गई थीं।

शनिवार को जब शावक की लोकेशन मिली, तब एसटीआर (सतपुड़ा टाइगर रिजर्व) की फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा के निर्देशन में 32 सदस्यीय टीम ने घेराबंदी की। इस टीम का नेतृत्व एसटीआर के चिकित्सक डॉ. गुरुदत्त शर्मा कर रहे थे। बाघ को ट्रेंकुलाइज कर एक घंटे की प्रक्रिया में उसके गले में कॉलर ID लगाया गया।

रेंजर प्रेम नारायण ठाकुर ने बताया कि इसके बाद बाघ को स्ट्रेचर से घने जंगल में ले जाकर छोड़ा गया। कुछ देर बाद जब वह होश में आया, तो धीरे-धीरे जंगल की ओर बढ़ गया। कॉलर ID से प्राप्त सिग्नल की जांच भी मौके पर की गई, जो पूरी तरह सफल रही।

गौरतलब है कि यह बाघ शावक लगातार कर्मचारियों के लिए खतरा बन रहा था। अब कॉलर ID की मदद से उसकी गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाएगी, जिससे भविष्य में किसी भी अनहोनी की आशंका को समय रहते टाला जा सकेगा

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