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मढ़ई में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन का महत्वपूर्ण कदम           तवा जलाशय को रामसर साइट की मान्यता मिलने के बाद सक्रिय हुआ प्रबंधन

सोहागपुर। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मढ़ई में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम निर्णय लिया गया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने यहां सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। यह कदम न केवल जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए उठाया गया है, बल्कि दुर्लभ वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भी इसे लागू किया गया है। इस सिलसिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा एवं रामसर साइट की प्रभारी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की उपसंचालक पूजा नागले की भूमिका से सराहनीय बन पड़ी है

वन्यजीवों के लिए प्लास्टिक घातक

मढ़ई क्षेत्र में प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक आते हैं, जिनके द्वारा छोड़ा गया प्लास्टिक कचरा बाघ, तेंदुआ, हिरण, चीतल, गौर जैसे वन्य प्राणियों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। प्लास्टिक का कचरा जंगल में बिखरने से कई बार पशु इसे खाने की कोशिश करते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और कई मामलों में उनकी मृत्यु भी हो जाती है।

स्थानीय नागरिकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक अंकित जामोद और रेंजर पी. एन. ठाकुर ने इस निर्णय को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और पर्यटकों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि केवल प्रतिबंध लगाने से समस्या हल नहीं होगी, बल्कि सामूहिक जागरूकता और सहभागिता की भी आवश्यकता है।

क्या होंगे नए नियम?

  1. सिंगल यूज प्लास्टिक की थैलियों, बोतलों, कप, स्ट्रॉ, चम्मच आदि पर पूर्ण प्रतिबंध।
  2. पर्यटकों को बायोडिग्रेडेबल या पुन: उपयोग किए जा सकने वाले उत्पाद लाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
  3. प्लास्टिक कचरे की निगरानी के लिए विशेष गश्ती दल तैनात किए जाएंगे।
  4. नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान किया जा सकता है।
  5. स्थानीय दुकानदारों और होटलों को भी इको-फ्रेंडली उत्पाद अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम

मढ़ई अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों की विविधता के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में प्लास्टिक कचरे को रोकने से जंगल की स्वच्छता बनी रहेगी, जल स्रोतों में प्रदूषण कम होगा, और वन्यजीवों का जीवन सुरक्षित रहेगा।

जनता से अपील

इस निर्णय को सफल बनाने के लिए पर्यटकों, स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। इको-टूरिज्म को बढ़ावा देकर और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाकर ही हम इस अनमोल धरोहर को सुरक्षित रख सकते हैं।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन की यह पहल न केवल मढ़ई, बल्कि अन्य पर्यावरणीय संवेदनशील पर्यटन स्थलों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।

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