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पलकमती नदी के पुनर्जीवन की दिशा में पहल सीईओ रावत ने भोपाल से आऐ वैज्ञानिकों के साथ किया उद्गम का निरीक्षण दिए दिशा निर्देश

सोहागपुर। पलकमती नदी के उद्गम स्थल बिनेका क्षेत्र और आसपास की ग्राम पंचायतों में नदी को पुनर्जीवित करने की दिशा में प्रभावी प्रयास शुरू हो चुके हैं। इसी क्रम में जिला पंचायत सीईओ एसएस रावत ने परसों स्थल पर पहुँचकर निर्माण कार्यों का जायजा लिया। और आवश्यक दिशा निर्देश दिए

उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिए कि नदी के प्रवाह वाले 12 किलोमीटर के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत योजना बनाकर शीघ्र प्रस्तुत की जाए।

भोपाल से आए पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. योगेंद्र सक्सेना और जिला प्रशासन की टीम ने नदी के उद्गम स्थल और आसपास के गांवों का भ्रमण किया।

ग्रामीणों से संवाद कर नदी के सूखने के कारणों और समाधान पर चर्चा की गई।

डॉ. सक्सेना ने बताया कि अत्यधिक जल दोहन के चलते पलकमती नदी लगभग सूख चुकी है। इसके पुनर्जीवन के लिए कई अहम उपाय सुझाए गए हैं

, जैसे — वर्षा जल का संरक्षण, नदी में जमा गाद की सफाई, तालाबों का रिचार्ज और दोनों तटों पर स्टॉप डैम का निर्माण, जिससे भूजल स्तर में सुधार हो सके।

उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए ग्रामीणों की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है।

निरीक्षण के दौरान मनरेगा परियोजना अधिकारी अभिषेक तिवारी, जनपद सीईओ संजय अग्रवाल, सहायक यंत्री सुनीता वर्मा, उपयंत्री राहुल तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे

यह उल्लेखनीय है कि जल गंगा संवर्धन अभियान 2025-26 के अंतर्गत पलकमती नदी के जीर्णोद्धार का कार्य प्रस्तावित है।

इसी को ध्यान में रखते हुए सीईओ रावत ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले बिनेका और जमानीदेव क्षेत्र में नदी के उद्गम स्थल से कार्य प्रारंभ कराने की पहल की है।

पलकमती नदी के उद्गम स्थल एवं आसपास की ग्राम पंचायत सेहरा, टेकापार, छेड़का, बीजाखारी, बिछुआ, सियारखेड़ा, मरकाढाना का भ्रमण कर STR क्षेत्र में वन विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्यों एवं ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत विगत वर्ष किए गए कार्य व आगामी समय में किए जाने वाले प्रस्तावित कार्यों के स्थल का भ्रमण किया

रावत ने कहा कि सतपुड़ा पर्वत श्रेणियों से निकलने वाली पलकमती नदी का पुनर्जीवन शासन स्तर पर प्राथमिकता से किया जायेगा

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