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गिद्ध संरक्षण को लेकर सतर्क हुआ वन विभाग, नर्मदापुरम में कार्यशाला आयोजित दिए विशेष दिशा निर्देश    29 अप्रैल को वहां पहुंचेगा अमला   जहां नहीं हुई है गिद्धों की गणना

सोहागपुर। वनवृत्त कार्यालय प्रशिक्षण कक्ष, नर्मदापुरम में ग्रीष्मकालीन गिद्ध गणना हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वनसंरक्षक नर्मदापुरम अशोक चौहान, क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व राखी नंदा, उपसंचालक पूजा नागले सहित होशंगाबाद एवं हरदा जिले के वन मंडलाधिकारी, उपवन मंडलाधिकारी एवं सहायक संचालक उपस्थित रहे।

पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) कार्यालय से आए मास्टर ट्रेनर विजय वी. नंदनवंशी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि जिन परिक्षेत्रों एवं स्थानों में शीतकालीन गिद्ध गणना नहीं हो पाई थी या गिद्धों की उपस्थिति नहीं पाई गई थी, उन स्थानों पर विशेष रूप से ध्यान देते हुए 29 अप्रैल 2025 को गिद्धों के घोंसले खोजने की कार्यवाही की जाएगी। इस कार्य में क्षेत्रीय वन अमले को पूरी तत्परता से शामिल होने के निर्देश दिए गए।

कार्यशाला में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक भी मौजूद रहे, जिन्होंने डाइक्लोफेनेक दवा के गिद्धों पर पड़ने वाले घातक प्रभावों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह दवा गिद्धों की मृत्यु का प्रमुख कारण बनती जा रही है, जिससे इनकी संख्या में भारी गिरावट देखी गई है।

कार्यशाला में गिद्धों की पारिस्थितिकीय भूमिका, जैव विविधता में उनका योगदान और संरक्षण की दिशा में आमजन को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। वन विभाग की यह पहल गिद्धों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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