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कल से सतपुड़ा के घने जंगलों में —पक्षियों का सर्वे शुरू मढई पहुंचेंगे 11 राज्यों के 75 पक्षी विशेषज्ञ               3 दिन चलेगा सर्वे प्रवासी पक्षियों का भी रहता डेरा

सोहागपुर | प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पक्षियों की गिनती और प्रजातियों का अध्ययन करने के लिए तीन दिवसीय पक्षी सर्वे का आयोजन किया जा रहा है। यह सर्वे 9 मार्च रविवार से शुरू होकर 11 मार्च तक चलेगा, जिसमें देश के 11 राज्यों से 75 पक्षी विशेषज्ञ भाग लेंगे।

360 से अधिक प्रजातियों का हुआ था पूर्व सर्वेक्षण सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की हरियाली से आच्छादित वादियों में पक्षियों की दुर्लभ और विदेशी प्रजातियां भी पाई जाती हैं। पिछले वर्ष 2023 में हुए सर्वे में 360 से अधिक पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई थी, और इस वर्ष यह संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

39 टीमों के कदमों से गूंजेगा जंगल सर्वेक्षण के लिए 39 दलों का गठन किया गया है, जो विभिन्न इलाकों में जाकर पक्षियों की गणना करेंगे। सभी प्रतिभागी रोजाना लगभग 15 किलोमीटर पैदल सफर तय करेंगे और इस दौरान मिलने वाले पक्षियों के फोटो और अन्य विवरण रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे।

देशभर के विशेषज्ञ होंगे शामिल इस महत्त्वपूर्ण सर्वे में मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा और बिहार से आए वरिष्ठ पक्षी विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। सतपुड़ा के जंगलों में कुछ विदेशी पक्षी प्रजातियां भी मौजूद हैं, जिन्हें इस गणना में शामिल किया जाएगा।

सर्वे पर रहेंगी उच्च अधिकारियों की नजर इस आयोजन के दौरान सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा और उपसंचालक पूजा नागले सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मढ़ई में तीन दिनों तक डेरा डालेंगे। एसडीओ अंकित जामोद ने बताया कि इस सर्वेक्षण से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पक्षियों की वास्तविक संख्या और उनकी दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण में मदद मिलेगी।

सतपुड़ा के जंगलों में उड़ते इन रंग-बिरंगे परिंदों की गिनती न सिर्फ उनकी सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह जैव विविधता के संतुलन को बनाए रखने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

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